...........हमने बेटे से बात की ,वह शादी करने को तैयार हो गया
मैं छोटे वाले बेटे की बात कर रहा हूँ ,एक दिन उसको लडकी दिखा दिया
गया ....दोनों मिलने लगे ,महीने बाद दोनों का तिलक कर दिया गया
अब छोटे वाले बेटे का पूछो मत उसका आफिस से सीधे उसके घर चला जाता
शादी की तारीख तब की रखी जायेगी ,जब बड़े वाले बेटे की शादी हो जायेगी
....दिन बीतने लगे बड़े वाले की शादी की तारीख तय हो गयी ........
इसी बीच पता नहीं क्या हो गया छोट्टा बेटा कहने लगा मैं इस लडकी से शादी नहीं करूंगा
यह बात हमें तीर जैसी लगी ......बहुत पूछने पे बताया लडकी बहुत जिद्दी है ....इतनी जिद्दी
लडकी से मैं शादी नहीं करूंगा ........हमें लडकी में ऐसा कुछ नहीं लगा ......हम हार चुके थे
सगायी टूट गयी ...........हमें बहुत दुःख हुआ .......
...........इस कहानी का अगला अंश तब लिखूंगा जब कुछ वह घटे गा .......वैसा जैसा हम
चाहते हैं .....................
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