Thursday, February 25, 2010

सत्तू

करीब रात के दो बजे शूटिंग खत्म हुई , मैं हिरोइन की कार में आगे बैठ गया । ऐसा मुझे कहा गया था ,

बेबी के साथ हमेसा रहना । सुबह भी इसी तरह बेबी जेबा के साथ आया था । घर आते -आते तीन बज गये ,

वहीं बंगले में मुझे सोने को कहा गया ,मैं और ड्राईवर मोहन बंगले के नीचे के कमरे में सो गये ।

सुबह करीब पांच बजे आँख खुली ,और तेजी से बंगले के बाहर निकला ,और अपनी झोपड़ी की

तरफ तेजी से चल दिया .....घर पहुंचा ,तो करीब छे बज चुके थे .......बिरजू चाय बना रहा था ......मुझे

देख के उसके चेहरे पे चमक आगयी .....और बोल पड़ा ,.......सारी रात जागता रहा..., तुम्हारा इन्तजार

करता रहा ......अच्छा यह बता काम कैसा लगा ? ........मैं सोचने लगा ,क्या कहूँ ,समझ में नहीं आ

रहा था । काम तो ,मेहतर वाला था ....जूठे बर्तन उठाओ ,जूठा खाओ ,हमेशा उनकी नजरों के सामने खड़े

रहो ,जूते पहनाओ ,बाहर दरवाजे पे खड़े रहो ,कोई अंदर न जाने पाए । अब इतने ,सारे काम जो मैंने आज

तक किया नहीं था ,वह करना पड़ रहा है,यह सब कैसे?, बिरजू को बता दूँ .......अगर कह दूँ तो ,.यह

मुझे कल से काम पे नहीं जाने देगा ....मैंने झूठ कह दिया ,बहुत अच्छा काम है ,बस बेबी के साथ रहना

पड़ता है .......मैं किसी से मिलने नहीं दूँ । ......बिरजू खुशी से बोल पड़ा ,बहुत अच्छा कम है ।


मैं आठ बजे ,जेबा जी के बंगले पे पहुँच गया । मेरी खोज -बीन बगले पे चल रही थी ,

मैं कहाँ चला गया ? पहले तो ड्राईवर मोहन ,मुझे देख कर गुस्सा करने लगा । बता कर जाना चाहिए

बेबी जानते हो कितना गुस्सा किया .......कम से कम मुझे तो बता कर जाना चाहिए था ,जावो बेबी ने

बुलाया है तुम्हे । मैं बंगले के अंदर पहुंचा .....सीढियों से ऊपर बेबी के कमरे में गया । मुझे देख कर,

वो बोल पड़ी ,मेरे साथ काम करने वालों की मेरी जिम्मेवारी होती है ,आयन्दा ख्याल रखना । और हाँ

एक बात और तुम पंडित हो ? जी ......... । ...तो फिर ,आज से वह काम बिल्कुल मत करना जो तुम्हें

अच्छा न लगे .....समझे ...यही जूठे बर्तन उठाना ,मेरे जूते उठाना ...और ....सब ... कुछ .....

मैं नीचे पहुंचा ,पहले तो मोहन बोला .....खूब डांट पड़ी न .......? । मैं यह सुन कर हंस पड़ा ,यार

तुम लोग बेबी से इतना डरते क्यों हो ..?.मोहन कहने लगा ,......हम डरते हैं ,....एक मिनट में नौकरी से

निकाल देती हैं । अच्छा ......पर मुझे तो कुछ और ही कहा ....... । क्या कहा ? कहा जो तुम्हे अच्छा

लगे वह काम करो ......., अबे फेंक रहा है ,ऐसा तो मैंने आज तक नहीं सुना.....तु तो एक ही दिन में

फ़िल्मी हो गये हो ......... ।

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