Tuesday, March 9, 2010

सत्तू

जेबा जी के यहाँ नौकरी छोड़े करीब दस रोज गुजर गये थे । जो पैसे भी मिले थे वह भी ख़तम हो चुका

था ,अब तो नया काम भी मिलता था वह भी दो ही दिन में छूट जाता था । एक ऑटो रिक्शा चलाने

का काम मिल गया ,लायसेनसचलाने का नहीं था ,इस लिए रात में चलाने का काम मिला । रात

दस बजे से सुबह छे बजे तक ,दिन भर सोना और रात भर जागना ,लेकिन रात धंधा अच्छा था ।

दो सौ से तीन सौ रूपये कमा लेता था ,मुझे लगने लगा यही काम मेरे लिए सब से अच्छा है

इसी बीच ,एक दिन एक बार के सामने खड़ा था ,रात का करीब चार बज रहा था । बार से एक लड़की

बाहर आयी और मेरे रिक्शे पे बैठ गयी और मुझे यारी रोड चलने को कहा । वह इतनी थकी हुई थी ,

रिक्शे में बैठे -बैठे सो सी गयी ......बांद्रा से यारी रोड आने में मुझे आधा घंटा लगा ,एक बहुत बडी

बिल्डिंग के सामने उसने रिक्शा रोकने को कहा .........अंदर बैठे -बैठे मुझसे बात करने लगी ,कहने

लगी ....महीने का काम करोगे .....मैं कुछ बोला नहीं ....देखो मैं रोज ही रिक्शा कर के जाती हूँ ,

रात दस बजे ....और करीब चार बजे मुझे यहाँ ला कर छोड़ना होगा । ......और मैं महीने का दस हजार

दूंगी ....मैं फिर भी कुछ नहीं बोला उसने मीटर देखा डेढ़ सौ रुपया हुआ ,ऐसा कहा ।

मैंने पैसे लिए मीटर देखा ,उतना ही हुआ था । रिक्शे से निकल कर ,सामने की बिल्डिंग में चली गयी

मैं उसे जाते हुए देखता रहा ,वहीं पास में रिक्शा खड़ा कर ,पैसेंजर का इन्तजार करने लगा ,अभी तो पांच

ही बजा था एक घंटा और धंदा कर सकता था ।

पता नहीं क्यों ,मैं इसी बार वाली लड़की के बारे में सोचता रहा और आँख लग गयी ।

करीब साढ़े छे बजे किसी पैसेंजर ने उठाया ....और अंधेरी चलने को कहने लगा । मैं मना नहीं कर पाया

मैंने ध्यान से उस बिल्डिंग को देखा जिसमें वह बार बाला गयी थी .....मैंने रिक्शे में बैठे पैसेंजर से पूछा

साहब इस बिल्डिंग में कौन रहता है ...इसमें .....मैंने हाँ कहा .....इसमें तो दो फिल्मों की हिरोइन और

एक हीरो रहता है ......और कौन रह सकता है ? मैं समझ गया ,इस बाला ने मुझे बना दिया ,हर पल

यह तो लोगों को तो ठगती ही है .....मुझे ठगने में कितनी देर लगेगी ।

आज मुझे नीद अच्छी आयी ,आखों में वही बार बला जो बसी थी ....खूब सपने देखे यह बात

मैंने बिरजू को नहीं बताया ......बता दूंगा तो आधा घंटा समझाने में लगा देगा ......आज मैंने अच्छे

अच्छे कपडे पहने और रिक्शा ले कर सीधे यारी रोड पहुँच गया ......और वहीं खड़ा हो कर इन्तजार करने

लगा ......उस बार बाला का ......वहाँ और भी रिक्शे वाले खड़े थे


जारी ..........

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