....गाडी , बहुत बड़ी थी ....एक ड्राईवर ,सफ़ेद कपड़ों में था । जो उस गाडी को चला रहा था।
कहाँ ले कर मुझे जा रहा है ? मुझे नहीं मालूम ....पर डर था , मुझसे क्या कराना चाहते हैं ?
गाड़ी चली जा रही थी ,मैं अपने विचारों में खोया ...एक -एक पलडर से गुज़र रहा था ।
करीब डेढ़ बजे ,यह कार, एक बंगले के अंदर गयी ,बहुत ही खूबसूरत बँगला ,कई वाचमैन ,बड़े -बड़े
कुत्तों के साथ ,टहल रहे थे । मुझे अंदर चलने को कहा गया , मैं एक खूबसूरत से हाल में पहुंचा ,
मैं डरा हुआ ,इधर -उधर देखता रहा ......तभी एक अधेड़ किस्म का आदमी लखनवी अंदाज़
में ,चिकेन के कपडे पहने हुए ,मेरे पास आया ,उसके रोबीले चेहरे में किसी खूंखार राजा का खौफ
भरा था ..... ।
पूछा उसने ..........राजेश ....यही नाम है तुम्हारा ,मैंने डर के उनकी तरफ देखा ......अब
इसी जगह रहना होगा .....समझे .......अभी तक मैं तुम्हारा ही इन्तजार कर रहा था ,तभी उस आदमी
ने आवाज दे कर किसी को बुलाया .........मैं बिरजू को ,एक नौकर के रूप में देख के डर गया
........देखो तुम्हारे दोस्त को भी बुला लिया .....ठीक है ना ,क्यों राजेश ? और एक बात ,यहाँ से भागने की कोशिश मत करना ........इतना कहा के ,बिरजू को अपने पास बुलाया ......और कहा .....
राजेस को ऊपर का कमरा दे दो रहने के लिए ....और हाँ किसी बात की तकलीफ न होने देना इसको
.......और इतना कह के वह आदमी चला गया ।
हम दोनों दोस्त एक दुसरे को देखते रहे .....
जिन्दगी के किस खेल में फंस गये , बिरजू मुझसे कुछ नहीं बोला ,और चलने को कहा ।
मैं उसके साथ चलने लगा ,मैं बिरजू से बात करने लगे .....वह सिर्फ हूँ हाँ में जवाब देने लगा ...एक
दोस्त से मिलने की खुशी नहीं थी .....उसे ...... ।
मुझे एक बहुत ही खूबसूरत कमरे में ले कर गया ......और कहने लगा ......यह आप का
कमरा है ,आज से आप इसी में रहें गे ......और दूसरी बात मैं आप का दोस्त नहीं हूँ ...मैं सिर्फ एक
नौकर हूँ आप का ....मुझे ठीक ठाक देखना चाहते हैं तो दोस्ती का रिश्ता भूल जाओ ....इसी में
हमारी भलाई है .... ... ।
बिरजू मुझे कमरे में छोड़ कर चला गया .....मेरी कुछ समझ में नहीं आरहा था ॥
यह सब क्या हो रहा है । कौन यह सब कर रहा है और क्यों ? एक बहुत बड़े बिस्तर पे बैठ गया
इस तरह के बिस्तर पे मैं आज तक बैठा नहीं था ,आज सोना पड़ेगा ....
सुबह हो गयी ...पर एक पल को नहीं सोया ....किन -किन ख्यालों में खोया रहा
रात भर ...मुझे हलाल होने वाले बकरे का ख्याल आता था ......खूब खिलाया जाता है
बच्चे इतना प्यार करते ....जैसे जिन्दगी भर का साथी मिल गया हो ....
दरवाजे पे नाक हुआ ,मैंने उठ कर दरवाज़े को खोला ........सामने बिरजू खड़ा था
उसके हाथ में चाय की एक पुरी ट्रे थी ,जैसा मैं फिल्मों में देखा था, किसी अमीर आदमी को चाय
पीते ...वैसे ही बिरजू चाय को ले कर आया था ......मैंने पूछा ,बिरजू यह सब क्या नौटंकी है ?
.......बिरजू चुप ही रहा ....उसने मुझे चाय बना कर दिया । फिर मैंने पूछा ...बिरजू तू मेरी
किसी बात का जवाब क्यों नहीं दे रहा है? ....साहब मैं नौकर हूँ, और आप डान साहब के मेहमान
.......मुझे ....एक दोस्त की खातिर ...माफ़ करें ,जैसा आप चाहते हैं ,वैसा कुछ नहीं हो सकता
और मुझे वह सब करने दे, जो मैं कर रहा हूँ .......! यह सुन कर , मैं चुप हो गया .....अब क्या
...जानू ....बिरजू कुछ बताना ही नहीं चाहता ......
......इस बंगले में रहते हुए .....करीब तीन बीत चुका था ...मैं बिरजू के अलावा किसी से
बात भी नहीं कर सकता था ....सच कहता हूँ ,मैं इस जिन्दगी से ऊब चुका था ...मुझसे यह लोग क्या
चाहते हैं ,यही मेरी समझ में नहीं आ रहा था ......बिरजू भी मेरी कुछ हेल्प नहीं कर पा रहा था
.....वह भी इन लोगों के चंगुल में फंसा हुआ था ,एक रात मेरे कमरे में डान आया
और कहने लगा ....कैसा लग रहा है ? किसी तरह की तकलीफ तो नहीं है ?
......मेरा जवाब क्या होता .....डर के मारे ,सब ठीक ही बताया ,उस आदमी ने कहा तुम्हे एक
आदमी को मरना होगा .....आज तुम्हें सब कुछ बता दिया जाएगा ....किसे मारना होगा और कैसे
मारना होगा ....हथियार क्या होगा ? समय क्या होगा ,सब कुछ बता दिया जाएगा ......
मैं शाम का इन्तजार करने लगा ......एक आदमी आया ,उसने एक आदमी की फोटो दिखाया
यह फोटो किसी और की नहीं .......हीरो खान की फोटो थी ....फिर उस अजनबी आदमी ने कहा
अगले सोमवार को वह फिल्म सिटी में मंदिर के लोकेशन पे शूटिंग करेगा ...... फाईट सीन की शूटिंग
है ......और तुम्हे इसी मौके का फायदा उठाना होगा ..... गोली से उड़ा देना होगा ...
......यह काम करने के बाद वहीं पे एक वैन खडी होगी ,बस उसमें जा कर बैठ जाना होगा
....... इस काम के बाद ...तुम और बिरजू अपने गाँव जा सकते हो ..........एक साल बाद
फिर तुम्हे मुम्बई आना होगा .....इस काम का तुम्हे दस लाख मिलेगा ....कम तो नहीं है
यह सब सुन कर मेरी सिट्टी - पिट्टी गुम हो गयी .........
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आप बहुत इन्तजार कराते हैं .....
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यह पोस्ट केवल सफल ब्लॉगर ही पढ़ें...नए ब्लॉगर को यह धरोहर बाद में काम आएगा...
http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_25.html
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से....